हम अप्रवासियों का देश हैं, यह सच है। जैसे हम मॉडल टी के देश रहे हैं। जो कभी था वो आज नहीं होना चाहिए। हमारी कारें मॉडल टी हुआ करती थीं, लेकिन वे बदल गई हैं और बेहतर हो गई हैं। तो हमारे देश का मंत्र चाहिए।
दुनिया के हर देश के प्रवासियों के लिए हमारी सीमा खोलना न केवल हमारे कानूनों का उल्लंघन होगा, बल्कि एक देश के रूप में हमारी संप्रभुता को चोट पहुंचाएगा। संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का डंपिंग ग्राउंड क्यों रहा है? किसने तय किया है कि हमें दुनिया के लोगों की देखभाल करनी चाहिए? परोपकार अपने घर से ही प्रारंभ होता है।
मैं आव्रजन के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन इसे कानूनी रूप से और नियंत्रित किया जाना चाहिए, अनियंत्रित नहीं। हम यह सोचने के लिए मूर्ख हैं कि हमारे पास जो पैसा नहीं है उसे प्रिंट करके हम दुनिया की देखभाल कर सकते हैं।